सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा
क़यामत तक तुझे याद करेंगे
तेरी हर बात पर एतरार करेंगे
रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है,
सितारों की जरूरत आसमान को होती है,
आप हमें भूल न जाना, क्योंकी
दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है...
ऐसा दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके,
जो हमारे दिल को जान सके,
चल रहे है हम तेज़ बारिश मे,
फिर भी पानी मे से आँसुओ को पहचान सके!!!!
ख़ुश्बू की तरह मेरी सांसो मे रहना
लहू बनके मेरी नसनस मे बहना,
दोस्ती होती है रिश्तो का अनमोल गेहना
इसलिए इस दोस्ती को कभी अलविदा ना कहना...!!!
6 comments:
जीवन के बहुत करीब रचना है।बहुत सुन्दर रचना है।बधाई स्वीकारें।
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा
Kya baat hai!
Swagat blog parivar mein.
(Pls remove unnecessary word verification).
narayan narayan narayan
आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं
"Baarish mebhee jo aansoo pehchaan sake...!"
Sach gar aisa dost, aisa hamraah mile to har rasta,har safar tay ho jayega...jata hai...
Anek shubhkamnayen!
सुन्दर कविता
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