Saturday, February 21, 2009

नया मोड

ये ज़िंदगी भी अज़ीब है,

जब से होश सम्हाला है
न जाने कितने, तिराहे चौराहे
आ चुके हैं ।

अब फिर से
एक नया मोड देने की कोशिश
जारी है,
इस ज़िंदगी को ।

मै अकेला रहता हूं
क्यों कि,
मेरे तमाम सारे पहलुओं को
को कोई एक साथ
समझ नही सका है,

कहीं उम्मीद लगाई है,
लेकिन डर है,
वहां जा कर
अपना अस्तित्व ही
न खो बैठूं ।