Monday, February 9, 2009

अनजान रास्ते

उन रासतों से जो गुजरे दोबारा,
तो ऐसा लगा जैसे अनजान थे हम,

बहोत ढूढना चाहा खुद को मगर,
उन रासतो गुमनाम थे हम,

जो छोड़ी थी यादें, जो छूटी थी बातें,
वो जैसे कहीं दफ्न सी हो गई थीं,

जो हवाओ में रहती थी खुशबु हमारी,
वो खुशबु भी जाने कहा खो गई थी,

जो बनाया था हमने कभी आशियाना,
उसी आशियाने में मेहमान थे हम,

उन रासतो से जो गुजरे दोबारा,
तो ऐसा लगा जैसे अनजान थे हम ....

ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ढूढता रहता हू पर कुछभी नज़र आता नहीं,
लगता है नाता है फिर लगता है कोई नाता नहीं,
साथ देती है कभी धोखा भी देती है यही,
ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ढूढता रहता हू पर कुछभी नज़र आता नहीं, 
लगता है नाता है फिर लगता है कोई नाता नहीं,
साथ देती है कभी धोखा भी देती है यही, 
ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

जिस एक पल के लिए, कबसे हम पलकें बिछाये बैठे थे,

वो पल एक पल के लिए आया, और बस चला गया,

जिस एक पल के लिए जाने क्या क्या खाब सजाये बैठे थे,

अब ढूँढता है दिल, उसी एक पल को,...

how much to compromise

When I was born,
Was sleeping besides mom but not comfortable,
I said to nurse want some more space first,
She said please adjust.
.
.
Went to school,
Was not aware with the rule,
Teacher said uniform is must,
I said ma’m please adjust.
.
.
High school’s class,
I was late I was last,
Last bench with lots of dust,
Peon said please adjust.
.
.
Fall in love,
She was fatty that I observed,
I thought my mind will surely burst,
I said to my self please adjust.
.
.
At the bed with my last breath,
Aware with the sure death,
I found my grave covered with rust,
Luck said please adjust.
.
.
Rebirth,
Awake as a man,
I said oh god! Me and my broken trust,
God replied please adjust.

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