प्रिय दोस्तों,
आप के साथ अपने विचार बांटकर अच्छा लग रहा है..
कहते भी हैं न .. कि बाँटने से दिल हल्का हो जाता है....
Wednesday, February 15, 2012
हाल ऐ दिल
सराहुँगा तेरे मान मान के रूठ जाने को, कि बिजिलियों की जरुरत है आशियाने को , नकाब दल रखे है दिल-ए-फर्सुदा पर , कोई समझ ना सका मेरे मुस्काने को , तेरे जहाँ में ठिकाना कहीं नहीं मिलता , परों पर लेकर उड़ जाऊं आशियाने को ...
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