Thursday, October 29, 2009

उन्हें ये शिकायत है हमसे की, हम हर किसी को देख कर मुस्कुराते हैं
नासमझ हैं वो क्या जानें, हमें हर चेहरे में वो ही नज़र आते हैं...


वक़्त गुजरा ज़ख्म भरते गए......
तुम्हें भुलाने की कोशिश हम करते गए....
इतना आसान ना था...तुम्हें भूल पाना....
पर ज़िन्दगी से समझौता हम करते गए.....



अपनी निगाहों से ना देख खुदको.....
हर हीरा तुखे पत्थर लगेगा....
सब कहते होंगे चाँद का टुकडा है तू.....
मेरी नज़र से देख चाँद तेरा टुकडा लगेगा....




कोई हमारी तरह हसाए तो बता देना....
कोई हमारी तरह सताए तो बता देना....
प्यार तो आपसे कोई भी कर लेगा....
कोई हमारी तरह निभाए तो बता देना....

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