Monday, February 23, 2009

जरूरी तो नहीं.......

कि पूरी हो हर आरजू दिल की,
वो बचे हुए अरमान इंसान के,
जिन्हें वो चाहता है पूरा करना,
मगर कर नहीं पता,
कभी बच्चों के लिए,
कभी परिवार के लिए,
कभी बीवी के लिए,
घोंट देता है वो गला अपने अरमानों का ,
उनके लिए जिन्हें वो स्वयं से ज्यादा चाहता है,

मगर देख कर बुदापे में वही इंसान सोचता है,
कि काश कर लिए होते मैंने पूरे ,
वो अपने अधूरे अरमान,
वो दिल कि तमन्नाएं ,
जिन्हें करने से मिल सकती थी,
आत्मा को खुशी,

जब देखता है अपने बच्चों को,
जो बड़े होकर उसको पूछते नहीं,
जिंदगी की छोटी बड़ी खुशियों में,
जब देखता है अपने परिवार वालों को,
टंगे हुए ,एक फोटो फ्रेम में, सामने की दीवार पर,
पाता है मुस्कुराता हुआ उन्हें, उस इंसान पर,
कि देखो इसने भी वही दोहराया जो हमने किया था,
और पछता रहा है आज , हमारी तरह,
जैसे कभी हम पछताए थे देख कर दीवार पर,
अपने प्रिय जनों को लटके हुए,
फोटो-फ्रेम पर.............

-भावेश कुमार चौहान

Sunday, February 22, 2009

वो पल.....

साथ बिताये थे जो पल हमने कभी, याद आते हैं,
मिलकर देखे थे जो सपने हमने, याद आते हैं,
याद आते हैं, वो पेड़ और पंछी जो हमारे साथ थे, उन लम्हों में,
आज जब मुड़कर देखता हूँ, तो सब मौजूद हैं,
वही मौसम, वही पेड़ और पंछी, वही हवा,
नहीं है कुछ तो वो हो तुम,
जाने कहाँ चले गए रूठकर हमसे,
वो दिन हमारी जिंदगी के....

वो मेरे हसीं दिन ज़िन्दगी के.....

साथ बिताये थे जो पल हमने कभी, याद आते हैं,
मिलकर देखे थे जो सपने हमने, याद आते हैं,
याद आते हैं, वो पेड़ और पंछी जो हमारे साथ थे, उन लम्हों में,
आज जब मुड़कर देखता हूँ, तो सब मौजूद हैं,
वही मौसम, वही पेड़ और पंछी, वही हवा,
नहीं है कुछ तो वो हो तुम,
जाने कहाँ चले गए रूठकर हमसे,
वो दिन मेरी जिंदगी के....

If ever

If ever you need me,
I'll be right here,
To chase away the sadness,
And wipe away a tear.

If ever you need me,
I'll be two steps behind,
To follow in your footsteps,
And hear what's on your mind.

If ever you need me,
You'll never have to fear,
That your presence isn't important,
And your love isn't dear.

If ever you need me,
I'll always be around,
To bring back the laughter,
Where deep in your heart it's found.

You will never have to worry
For I will always be here
To chase away the sadness
And wipe away a tear

Saturday, February 21, 2009

नया मोड

ये ज़िंदगी भी अज़ीब है,

जब से होश सम्हाला है
न जाने कितने, तिराहे चौराहे
आ चुके हैं ।

अब फिर से
एक नया मोड देने की कोशिश
जारी है,
इस ज़िंदगी को ।

मै अकेला रहता हूं
क्यों कि,
मेरे तमाम सारे पहलुओं को
को कोई एक साथ
समझ नही सका है,

कहीं उम्मीद लगाई है,
लेकिन डर है,
वहां जा कर
अपना अस्तित्व ही
न खो बैठूं ।

Thursday, February 19, 2009

Remembering my college-mates

Remembering my class mates, after few years,
My eyes were filled with tears,
Everyone now is busy a lot,
No one escaped destiny’s plot

Saw the girl, whom once i thought as my best frnd,
Oops! today she is somebody else’s girlfrnd,
After months remembered about her for a little while,
Heard she is happy,that made me smile.

Project reviews to campus interviews,
Nicknames to last bench games,
Cultural rehearsals to love proposals,
Short term crushes to class room blushes.

Everything is fresh in our mind,
Wish life could just rewind,
Let’s laugh, play & rejoice,
Once again become school/college guys.

Chatting & laughing. We all were in elation,
Till the painful moments of seperation,
When it was time to part,
We returned with a heavy heart.

Today life is full of commitments,
And too many worries,
But those cherished moments,
Will live forever in our memories!!!

वो लौट कर न आया मगर इंतज़ार था,

मुद्दत से जिस के वास्ते दिल बे-करार था
वो लौट कर आया मगर इंतज़ार था,

जो हमसफ़र था छोड़ गया राह मैं मुझे
मैं फँस गया भंवर मैं वो दरिया के पार था,

मंजिल करीब आई तो तुम दूर होगये
इतना तो तुम बताओ के यह कैसा प्यार था

चिलमन गिरदी यह किस ने दोनों के दरमियाँ
वोह सकूं से बता मुझ को करार था

यह मुख्तसर सा हाल है रुखसत के वक़्त का
आँखों मैं आंसू और दिल बेकरार था

यह बात उमर भर समझ पाया मैं
क्यूँ दिल मेरा उस का तलबगार था

Sunday, February 15, 2009

आँसू मैं ना ढूँदना हूमें,
दिल मैं हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.
लम्हा लम्हा वक़्त गुज़ेर जाएँगा,
चँद लम्हो मैं दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी मैं आ जाएगा.
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
♥♠दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वेल ही ज़ख़्म दे जाते हैं,
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,
ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज़ियादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना,
मुमकिन नही हैर जगह तुम्हे हम मिलेंगे.
ख़ुशबो की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
सुकों बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
मेहसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हो भी पास नेज़र आएँगे

अआस्ताने-ऐ-marham

आँसू मैं ना ढूँदना हूमें,
दिल मैं हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.
लम्हा लम्हा वक़्त गुज़ेर जाएँगा,
चँद लम्हो मैं दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी मैं जाएगा.
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वेल ही ज़ख़्म दे जाते हैं,
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,
ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज़ियादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना,
मुमकिन नही हैर जगह तुम्हे हम मिलेंगे.
ख़ुशबो की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
सुकों बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
मेहसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हो भी पास नेज़र आएँगे

Monday, February 9, 2009

अनजान रास्ते

उन रासतों से जो गुजरे दोबारा,
तो ऐसा लगा जैसे अनजान थे हम,

बहोत ढूढना चाहा खुद को मगर,
उन रासतो गुमनाम थे हम,

जो छोड़ी थी यादें, जो छूटी थी बातें,
वो जैसे कहीं दफ्न सी हो गई थीं,

जो हवाओ में रहती थी खुशबु हमारी,
वो खुशबु भी जाने कहा खो गई थी,

जो बनाया था हमने कभी आशियाना,
उसी आशियाने में मेहमान थे हम,

उन रासतो से जो गुजरे दोबारा,
तो ऐसा लगा जैसे अनजान थे हम ....

ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ढूढता रहता हू पर कुछभी नज़र आता नहीं,
लगता है नाता है फिर लगता है कोई नाता नहीं,
साथ देती है कभी धोखा भी देती है यही,
ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

ढूढता रहता हू पर कुछभी नज़र आता नहीं, 
लगता है नाता है फिर लगता है कोई नाता नहीं,
साथ देती है कभी धोखा भी देती है यही, 
ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......

जिस एक पल के लिए, कबसे हम पलकें बिछाये बैठे थे,

वो पल एक पल के लिए आया, और बस चला गया,

जिस एक पल के लिए जाने क्या क्या खाब सजाये बैठे थे,

अब ढूँढता है दिल, उसी एक पल को,...

how much to compromise

When I was born,
Was sleeping besides mom but not comfortable,
I said to nurse want some more space first,
She said please adjust.
.
.
Went to school,
Was not aware with the rule,
Teacher said uniform is must,
I said ma’m please adjust.
.
.
High school’s class,
I was late I was last,
Last bench with lots of dust,
Peon said please adjust.
.
.
Fall in love,
She was fatty that I observed,
I thought my mind will surely burst,
I said to my self please adjust.
.
.
At the bed with my last breath,
Aware with the sure death,
I found my grave covered with rust,
Luck said please adjust.
.
.
Rebirth,
Awake as a man,
I said oh god! Me and my broken trust,
God replied please adjust.

Note: If u liked this one... please appreciate the source of this
http://leaves-thoughts.blogspot.com/

Wednesday, February 4, 2009

हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमाँ, लेकिन फिर भी कम निकले

निकलना खुल्द से आदम का सुनते आये हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले

मगर लिखवाये कोई उसको खत तो हमसे लिखवाये
हुई सुबह और घर से कान पर रखकर कलम निकले

मुहब्बत में नहीं है फ़र्क जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले

सांस लेना ही काफ़ी नहीं, ज़ीने के लिए

तेरा होना भी ज़रूरी है, मेरे लिए
सांस लेना ही काफ़ी नहीं, ज़ीने के लिए

कहने को तो ज़िन्दा हूँ, पर तू ही जान है
एक दुनिया में तू ही, मेरा अरमान है
बैठा हूँ राह में, एक नज़र के लिए
सांस लेना ही काफ़ी नहीं, ज़ीने के लिए

क्या करूँ दिल को, कुछ और भाता नहीं
तेरा चेहरा, निगाहों से दूर् जता नहीं
अब तो ज़ीता हूँ, मरनें की आरज़ू लिए
सांस लेना ही काफ़ी नहीं, ज़ीने के लिए

काश!!! ये होता की, हम कभी ना मिलते
ज़िनदगी के कारवां में, तनहा ही चलते
ज़िन्दगी मिलती नहीं, सब-कुछ पाने के लिए
सांस लेना ही काफ़ी नहीं, ज़ीने के लिए

तेरा होना भी ज़रूरी है, मेरे लिए...
तेरा होना भी ज़रूरी है, मेरे लिए...

-"भावेश चौहान"